माँ तुझे समर्पण मेरा जीवन
करता हु निज तेरा वंदन
वाणी के पुष्पों से चर्चित
मां तुझे में फूल चढ़ाऊं
बनकर तेरा राज दुलारा
फिर मैं यू अक्सर इठलाऊँ
मां ऐसा दे वरदान तु मुझको
शीश झुके ना चाहे कट जाए
ये शरीर चाहे मर जाये
मेरा भी अमरों में नाम आए
देशभक्त फिर मैं कहलाऊं
दुनिया को मैं ये बतलाऊं
हो गया सार्थक मेरा जीवन
खत्म हो गई इच्छाएं
माँ जो तेरा मान बढ़ाया
धन्य हो गया में भी माँ
करके सेवा तेरी
शेष रहा ना अब कुछ मेरा
नाम किया ये जीवन तेरे
याद रहेंगे दुनिया को सारी
रिश्ते तेरे मेरे